Ban on Jim Corbett National Park: सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क(Jim Corbett National Park) में बाघ सफारी पर बैन लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने सुनवाई के दौरान कहा कि राष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण योजना संरक्षित इलाकों से परे वन्यजीव संरक्षण की जरूरत को पहचानती है। ऐसे में अब केवल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के परिधीय और बफर जोन में बाघ सफारी की छूट दी जाएगी।
Ban on Jim Corbett National Park: राष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण योजना:
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण योजना (National Wildlife Conservation Plan) संरक्षित क्षेत्रों से परे भी वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण को महत्व देती है। इस योजना के तहत, वन्यजीवों के लिए सुरक्षित आवासों का निर्माण और उनके प्राकृतिक जीवनचक्र को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
Uttarakhand | Night stay for tourists in all zones including Dhikala zone of Jim Corbett National Park banned from June 14th due to monsoon. After the monsoon, tourists will be able to have a night's stay from November 15th: Neeraj Sharma, deputy director of the park
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 15, 2022
केवल परिधीय और बफर क्षेत्र में सफारी:
Ban on Jim Corbett National Park: अब से, बाघ सफारी केवल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के बफर क्षेत्र में ही अनुमति होगी। कोर क्षेत्र, जो कि वन्यजीवों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र है, पूरी तरह से संरक्षित रहेगा।
अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई पर फटकार:
सुप्रीम कोर्ट ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व प्रभागीय वन अधिकारी किशन चंद को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि नौकरशाहों और राजनेताओं ने सार्वजनिक विश्वास के सिद्धांत को धोखा दिया है।
सीबीआई जांच और कमेटी गठन:
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में अवैध गतिविधियों की जांच के लिए एक अंतरिम रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, कोर्ट ने एक कमेटी भी गठित की है जो टाइगर रिजर्व में सफारी के लिए शर्तें और दिशानिर्देश तैयार करेगी।
वकील गौरव कुमार बंसल का बयान:
Ban on Jim Corbett National Park: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में टाइगर सफारी योजना पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए वकील गौरव कुमार बंसल ने कहा कि यह फैसला वन्यजीवों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह फैसला भविष्य में वन्यजीवों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनाने में मदद करेगा।
Jim Corbett National Park: बाघ सफारी बंद होने के दूरगामी असर
Ban on Jim Corbett National Park: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के बीच वाले इलाके में बाघ सफारी बंद करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कई दूरगामी असर हो सकते हैं। आइए इन्हें आसान भाषा में समझें:
1. जंगली जानवरों के लिए अच्छा: अब बीच के इलाके में घूमने फिरने वाले लोग नहीं होंगे, इससे बाघों समेत जंगली जानवरों को बिना किसी डर के रहने और अपने बच्चों को पालने में आसानी होगी। उनके रहने की जगह भी बेहतर हो जाएगी और जंगली जानवरों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है।
2. प्रकृति का संतुलन बना रहेगा: बाघ जंगल के रखवाले होते हैं। उनकी संख्या ठीक रहने से जंगल में रहने वाले दूसरे जानवरों का भी संतुलन बना रहता है। बाघ कम होंगे तो जंगल में रहने वाले कुछ जानवर बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगे, जिससे पूरे जंगल को नुकसान पहुंच सकता है।
3. सैलानियों को सीखने का मौका: अब सफारी के लिए बीच के इलाके में नहीं जा सकेंगे, लेकिन जंगल घूमने और जानवरों को दूर से देखने के दूसरे तरीके अपनाए जा सकते हैं। इससे सैलानियों को जिम्मेदार सैलानी बनने का मौका मिलेगा और वे जंगल की सैर का मज़ा लेते हुए भी जानवरों को परेशान नहीं करेंगे।
4. आसपास के गांवों को फायदा: जंगल के आसपास रहने वाले लोगों को अब पर्यटन से होने वाला फायदा और बढ़ सकता है। उन्हें गाइड, होटल चलाने या जंगल के सामान बनाने की ट्रेनिंग दी जा सकती है, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
5. दूसरों के लिए उदाहरण: सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला पूरे भारत के राष्ट्रीय उद्यानों के लिए एक अच्छा उदाहरण बन सकता है। इससे दूसरे राज्य भी अपने जंगलों और जानवरों की रक्षा के लिए सख्त नियम बना सकते हैं।
निष्कर्ष:
Ban on Jim Corbett National Park : सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह फैसला न केवल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, बल्कि पूरे भारत के वन्यजीवों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनाने में मदद करेगा।
हालांकि, इस फैसले से थोड़ा बहुत फर्क पर्यटन वालों को पड़ सकता है, लेकिन यह फैसला जंगली जानवरों और पूरे पर्यावरण के लिए लंबे समय में फायदेमंद साबित होगा।