Donald Trump की वापसी से चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते और तनावपूर्ण हो सकते हैं। जानें Trump Foreign Policy 2024, रूस-यूक्रेन युद्ध समाधान और वैश्विक व्यापार पर संभावित असर।
Donald Trump ने अपने पिछले कार्यकाल में चीन पर भारी टैरिफ लगाए थे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में खटास आ गई थी। उनकी टैरिफ नीति का उद्देश्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और चीन पर आर्थिक दबाव बनाना था। ट्रंप ने पहले ही संकेत दिया है कि अगर वे दोबारा सत्ता में आए, तो चीन पर टैरिफ को और बढ़ाएंगे।
चीन की अर्थव्यवस्था पहले से ही वैश्विक मंदी, कोविड-19 के प्रभाव और आंतरिक चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसे में ट्रंप की नीतियां चीनी उद्योगों पर भारी पड़ सकती हैं। इसके अलावा, अमेरिकी कंपनियों के चीन से अपना कारोबार समेटने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है।
उत्तर कोरिया और रूस का बढ़ता गठजोड़
Trump Foreign Policy 2024: यूक्रेन युद्ध में रूस के समर्थन के लिए उत्तर कोरिया द्वारा सैनिकों की तैनाती से तनाव और बढ़ गया है। यह कदम न केवल यूरोप, बल्कि एशिया में भी शांति के लिए खतरा है। उत्तर कोरिया के इस फैसले ने अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के बीच सहयोग को और मजबूती दी है।
उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रमों ने दशकों से दक्षिण कोरिया और जापान के लिए खतरा पैदा किया है। ट्रंप के लिए यह चुनौती होगी कि वे उत्तर कोरिया के साथ बातचीत के जरिए इस समस्या का समाधान करें या उस पर दबाव बढ़ाएं।
ईरान और Donald Trump: टकराव की संभावनाएं
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में ईरान परमाणु समझौते (JCPOA) से अमेरिका को हटा लिया था। अगर वे फिर से सत्ता में आते हैं, तो इस समझौते को बहाल करने की संभावना और कम हो जाएगी। इसके विपरीत, ट्रंप ईरान पर और कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं।
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का असर मध्य पूर्व की स्थिरता पर पड़ सकता है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसके क्षेत्रीय प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका को कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं। इससे तेल की कीमतों में उछाल और वैश्विक बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया का गठजोड़
पेरू के लीमा में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के बीच मजबूत साझेदारी पर जोर दिया गया। इन तीन देशों ने उत्तर कोरिया और रूस के खिलाफ एकजुटता दिखाई और इस गठजोड़ को औपचारिक रूप देने के लिए त्रिपक्षीय सचिवालय की घोषणा की।
चीन-भारत संबंधों पर संभावित असर
चीन-अमेरिका तनाव का भारत पर प्रभाव
Trump Foreign Policy 2024: चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का भारत पर भी असर पड़ सकता है। अमेरिका की ओर से चीन पर दबाव बढ़ने से भारत को सामरिक लाभ मिल सकता है। इसके अलावा, अमेरिका-भारत संबंधों में मजबूती के लिए ट्रंप अपनी नीतियों को भारत के पक्ष में झुका सकते हैं।
चीन के खिलाफ भारत की स्थिति
अगर चीन और अमेरिका के बीच टकराव बढ़ता है, तो भारत को अपनी विदेश नीति में संतुलन बनाना होगा। भारत, जो क्वाड (QUAD) और ब्रिक्स (BRICS) जैसे समूहों का हिस्सा है, को अपनी कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करना होगा।
वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति
Donald Trump की “अमेरिका फर्स्ट” नीति का वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। उनकी नीतियों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है।
तेल और गैस की कीमतों पर असर
मध्य पूर्व में ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों के साथ अमेरिका के संबंधों में बदलाव का असर तेल की कीमतों पर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
Donald Trump की संभावित वापसी से वैश्विक राजनीति में बड़े बदलाव हो सकते हैं। चीन, ईरान, उत्तर कोरिया और रूस जैसे देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते और तनावपूर्ण हो सकते हैं। इसके साथ ही, अमेरिका के सहयोगी देशों के साथ संबंधों में भी बदलाव की संभावना है।
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