रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। Sanjay Malhotra को RBI के नए गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है। वह शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। मल्होत्रा, जो वर्तमान में राजस्व सचिव के रूप में कार्यरत हैं, एक अनुभवी नौकरशाह हैं और उनकी नियुक्ति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि वर्तमान समय में भारत आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें धीमी जीडीपी वृद्धि, बढ़ती महंगाई और अस्थिर रुपया शामिल हैं।
Sanjay Malhotra: RBI गवर्नर के रूप में एक नया अध्याय
Sanjay Malhotra 11 दिसंबर 2024 को RBI के नए गवर्नर का पद संभालेंगे। उनका कार्यकाल तीन वर्षों के लिए होगा। उनका कार्यभार संभालना उस समय हो रहा है जब भारतीय अर्थव्यवस्था कई गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है, जिनमें घटती जीडीपी वृद्धि, बढ़ती महंगाई, और रुपया के मूल्य में गिरावट शामिल हैं। इन मुद्दों का समाधान करने के लिए उन्हें केंद्रीय बैंक के संचालन का नेतृत्व करना होगा, जो भारतीय वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
मल्होत्रा का वित्त और सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में बहुत लंबा अनुभव है, और उन्होंने 2024 के बजट के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यही कारण है कि उन्हें RBI गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है।
संजय मल्होत्रा कौन हैं?
Sanjay Malhotra, राजस्थान कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। वह मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं और उनकी प्रशासनिक यात्रा ने उन्हें कई महत्वपूर्ण विभागों में काम करने का अवसर दिया। वह राजस्व सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जहां उनकी भूमिका भारत के राजस्व और कर नीति के सुधारों में अहम रही है। इसके अलावा, वह वित्तीय सेवा विभाग के सचिव भी रह चुके हैं और उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के कई जटिल मुद्दों पर काम किया है।
मल्होत्रा की शिक्षा में महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि उन्होंने आईआईटी कानपुर से अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की है और बाद में प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की है। उनका यह शैक्षिक और पेशेवर बैकग्राउंड उन्हें RBI गवर्नर के रूप में एक मजबूत और सक्षम नेतृत्व प्रदान करता है।
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Sanjay Malhotra क्यों बने सरकार की पसंद?
Sanjay Malhotra को RBI के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है क्योंकि उनके पास वित्तीय मामलों का लंबा अनुभव है। उन्होंने राजस्व सचिव के पद पर रहते हुए भारत के कर सुधारों और वित्तीय नीति के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम किया। इसके अलावा, उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के रूप में कार्य करते हुए भारत की वित्तीय सेवाओं के सुधार में अहम योगदान दिया है।
मल्होत्रा का प्रशासनिक कौशल और वित्तीय मामलों में गहरी समझ उन्हें RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के रूप में इस चुनौतीपूर्ण भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, और उनके काम करने के तरीके को प्रधानमंत्री भी काफी पसंद करते हैं। यही कारण है कि उन्हें RBI के नए गवर्नर के रूप में चुना गया है।
शक्तिकांत दास की विरासत और संजय मल्होत्रा का कार्यभार
शक्तिकांत दास, जो वर्तमान में RBI के गवर्नर हैं, ने अपनी तीन साल की अवधि में RBI का कुशल संचालन किया है। उनके नेतृत्व में, भारतीय रिजर्व बैंक ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौतियों का सामना किया, जिसमें कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए संकट, बढ़ती महंगाई और नकदी प्रवाह के मुद्दे शामिल थे।
अब, जब Sanjay Malhotra RBI गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालेंगे, उन्हें शक्तिकांत दास द्वारा छोड़ी गई मजबूत नींव को आगे बढ़ाना होगा। उनके सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ होंगी, जिनमें भारत की जीडीपी वृद्धि, जो सितंबर तिमाही में 7 तिमाही के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर गिर गई है, और महंगाई को नियंत्रित करना प्रमुख होंगे।
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संजय मल्होत्रा का विशाल अनुभव
संजय मल्होत्रा का करियर विभिन्न विभागों में काम करने का रहा है, जिनमें पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस शामिल हैं। इन विभागों में उनके द्वारा किए गए कार्यों ने उन्हें एक मजबूत और सक्षम प्रशासनिक अधिकारी बना दिया है। उनका IAS में लंबा अनुभव, विशेषकर वित्तीय सेवाओं और राजस्व सचिव के रूप में उनके कार्य, उन्हें RBI के नए गवर्नर के रूप में इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
RBI के इतिहास में IAS अधिकारियों की भूमिका
अब तक के 26 RBI गवर्नरों में से 13 IAS अधिकारी रहे हैं, और मल्होत्रा का RBI गवर्नर बनना इस परंपरा को जारी रखेगा। इन अधिकारियों का वित्तीय सेवाओं और सरकार के विभिन्न विभागों में लंबा अनुभव होता है, जो उनके लिए RBI जैसी महत्वपूर्ण संस्थान के संचालन में सहायक होता है।
संजय मल्होत्रा के पास राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर फाइनेंस और टैक्सेशन के क्षेत्र में विशेषज्ञता है, जो उनकी नियुक्ति को और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है।
#Breaking | Sanjay Malhotra appointed new RBI Governor for 3 years
Alert: Sanjay Malhotra currently serving as revenue secretary, belongs to 1990 IAS batch pic.twitter.com/A4sGDggyPR
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) December 9, 2024
RBI के सामने आने वाली चुनौतियाँ
संजय मल्होत्रा RBI Governor के रूप में अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करेंगे। RBI पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव है क्योंकि GDP ग्रोथ सितंबर तिमाही में 5.4% तक गिर गई है। इसके अलावा, महंगाई भी एक गंभीर मुद्दा है, जो आम जनता के जीवन को प्रभावित कर रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया भी लगातार कमजोर हो रहा है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
Sanjay Malhotra का RBI गवर्नर के रूप में नियुक्ति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। उनका विशाल अनुभव, सरकारी सेवाओं में लंबा करियर, और आर्थिक नीति के प्रति उनका गहरा ज्ञान उन्हें RBI के नए गवर्नर के रूप में इस चुनौतीपूर्ण समय में उपयुक्त बनाता है। वह भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्य करेंगे और उनकी नियुक्ति भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
उनकी नियुक्ति से यह स्पष्ट है कि भारतीय सरकार ने एक सक्षम और अनुभवी अधिकारी को RBI के गवर्नर के रूप में चुना है, जो मौजूदा आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम होगा। Sanjay Malhotra RBI के गवर्नर के रूप में भारतीय वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे, और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तीय नेताओं का पूरा समर्थन प्राप्त होगा।