Jharkhand Rajya Sabha Elections झारखंड की राजनीति में एक बार फिर से गरमाहट तेज हो गई है। राज्यसभा की दो सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस गठबंधन और विपक्षी भाजपा दोनों ही दल पूरी तरह से तैयार हैं। दोनों सीटें फिलहाल कांग्रेस और भाजपा के पास हैं, लेकिन इस बार सत्ताधारी गठबंधन ने एक अलग रणनीति अपनाकर भाजपा को चौंकाने की तैयारी कर ली है। आइए, इस पूरे मामले को गहराई से समझते हैं।
Jharkhand Rajya Sabha Elections : खाली हो रहीं हैं दो सीटें, दोनों दलों में घमासान मारपीट
Jharkhand से राज्यसभा की दो सीटें जल्द ही खाली होने वाली हैं। इनमें से एक सीट कांग्रेस (Congress) के दिवंगत नेता तारिक अनवर और दूसरी सीट भाजपा(BJP) के सीपी सिंह के निधन के कारण रिक्त हो गई है। दोनों ही पार्टियों के लिए इन सीटों को बचाए रखना प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। कांग्रेस इन सीटों को वापस पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है, वहीं भाजपा भी किसी भी तरह से सीट गंवाना नहीं चाहती है।
झामुमो-कांग्रेस गठबंधन का ‘मास्टर स्ट्रोक’: दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला
Jharkhand Rajya Sabha Elections: राज्यसभा चुनाव को लेकर दिलचस्प बात यह है कि सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह रणनीति इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि फिलहाल विधानसभा में भाजपा के पास बहुमत है। ऐसे में सामान्य परिस्थिति में दोनों सीटें भाजपा के खाते में ही जातीं। लेकिन गठबंधन का मानना है कि कुछ विधायकों का समर्थन हासिल कर वह दोनों सीटों पर जीत हासिल कर सकता है।

गठबंधन का दांव: विधायकों को तोड़-फोड़ कर संख्या बल जुटाना
झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की रणनीति विपक्षी दल के कुछ विधायकों को अपने पाले में लाने पर आधारित है। इसके लिए गठबंधन नेताओं द्वारा लगातार विधायकों से संपर्क किया जा रहा है। माना जा रहा है कि कुछ असंतुष्ट भाजपा विधायकों और छोटे दलों के विधायकों के समर्थन से गठबंधन दोनों सीटों पर जीत हासिल कर सकता है।
भाजपा की चुनौती: बहुमत होने के बावजूद जीत की राह कठिन
Jharkhand Rajya Sabha Elections हालांकि, भाजपा के लिए भी यह चुनाव आसान नहीं है। भले ही विधानसभा में भाजपा के पास बहुमत है, लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन किसी भी तरह से विधायकों को तोड़-फोड़ कर संख्या बल जुटाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में भाजपा को अपने विधायकों को एकजुट रखने की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
इस बार क्या अलग है? गठबंधन का आत्मविश्वास और भाजपा की चिंता
हालांकि, इस बार कुछ अलग नजर आ रहा है। सत्तारूढ़ गठबंधन काफी आत्मविश्वास से भरा हुआ है। झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा है कि “सत्तापक्ष के पास पर्याप्त संख्या बल है और वह दोनों सीटों को जीतने की कोशिश करेगा। राज्य में चाहे कोई भी राजनीतिक परीक्षा हो, गठबंधन शानदार अंक से पास होती रही है।”
वहीं दूसरी ओर, भाजपा थोड़ी चिंतित नजर आ रही है। पार्टी लगातार अपने विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि गठबंधन विधायकों को तोड़-फोड़ कर जीत हासिल करना चाहता है, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं होने देगी।
चुनावी समीकरण: आंकड़ों का खेल
Jharkhand Rajya Sabha Elections राज्यसभा चुनाव में जीत-हार का फैसला संख्या बल से होता है। आइए, झारखंड विधानसभा में मौजूदा संख्या बल पर एक नजर डालते हैं:
- भाजपा: 30
- झामुमो: 30
- कांग्रेस: 18
- आजसू पार्टी: 2
- झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक): 1
- निर्दलीय: 4
इन आंकड़ों के अनुसार, भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत है। लेकिन, अगर गठबंधन कुछ विपक्षी विधायकों का समर्थन हासिल कर लेता है, तो वह दोनों सीटों पर जीत हासिल कर सकता है।
निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम
इस चुनाव में निर्दलीय विधायकों की भूमिका भी काफी अहम मानी जा रही है। फिलहाल विधानसभा में चार निर्दलीय विधायक हैं, जिनके समर्थन से किसी भी पार्टी या गठबंधन को जीत हासिल करने में मदद मिल सकती है।