Farmers Protest :राष्ट्रीय किसानों का दिल्ली मार्च 2024 ने फिर से सड़कों पर उतरने का निश्चय किया है। इस आंदोलन में किसानों ने अपनी मांगों के लिए जोश दिखाया है। इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं:
- MSP की कानूनी गारंटी: किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि उन्हें फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी मिले। यह उनकी आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- कृषि ऋण माफी: किसानों और खेत मजदूरों के लिए कृषि ऋण माफी की मांग भी है। बड़े ऋणों के बोझ से छुटकारा पाने के लिए यह आवश्यक है।
- पुलिस मामलों को वापस लेने की मांग: किसान संघों ने पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की भी मांग की है। यह उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- नौकरी और बीमा: पिछले आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी और फसल बीमा की भी मांग है। यह उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए जरूरी है।
इस आंदोलन में किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली से दिल्ली की ओर कूच किया है, जहां पर सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है। नोएडा, गाजियाबाद समेत सभी रास्तों पर लंबा जाम दिखाई दे रहा है।
Farmers Protest : एमएसपी क्या है?
Farmers Protest : न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) वह निश्चित मूल्य है जिस पर केंद्र और राज्य सरकारें और उनकी एजेंसियां किसानों से खाद्यान्न खरीदती हैं। यह खरीदी केंद्रीय पूल के तहत की जाती है जिसका उपयोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्यान्न मुहैया कराने के लिए किया जाता है। इसके अलावा खाद्यान्न को बफर स्टॉक के रूप में आरक्षित भी रखा जाता है।
एमएसपी किन फसलों के लिए लागू है?
केंद्र सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) CACP की सिफारिशों के आधार पर हर साल खरीफ और रबी सीजन से पहले 24 फसलों के लिए एमएसपी अधिसूचित करती है। इन फसलों में अनाज, मोटे अनाज और दालें जैसे खाद्यान्न शामिल हैं। हालांकि, सरकारी खरीद काफी हद तक कुछ खाद्यान्नों जैसे धान, गेहूं और कुछ हद तक दालों तक ही सीमित है। इनमें सबसे ज्यादा खरीद चावल और गेहूं की होती है।

एमएसपी का असर क्या हुआ है?
- किसानों को लाभकारी मूल्य: एमएसपी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य मिले।
- विशिष्ट फसलों पर ध्यान: एमएसपी के कारण गेहूं और चावल जैसी फसलों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित होता है, जिससे अन्य फसलों की उपेक्षा होती है।
- जल स्तर पर दबाव: गेहूं और धान जैसी पानी की अधिक खपत करने वाली फसलों पर ध्यान केंद्रित करने से जल स्तर पर दबाव पड़ता है।
किसान क्या मांग कर रहे हैं?
- एमएसपी की गारंटी: किसान एमएसपी की गारंटी वाला कानून चाहते हैं ताकि उन्हें अपनी उपज के लिए न्यूनतम मूल्य मिल सके।
- कर्ज माफी: किसानों की मांग है कि सरकार उनके कर्ज माफ करे।
- 60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों को पेंशन: किसानों की मांग है कि 60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों को पेंशन दी जाए।
Farmers Protest: सरकार का क्या रुख है?
- एमएसपी पर सहमति नहीं: सरकार एमएसपी की गारंटी देने को तैयार नहीं है।
- चर्चा की आवश्यकता: सरकार का कहना है कि एमएसपी पर राज्यों से बात करने और समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।
- किसान हित: सरकार का दावा है कि वह किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Farmers Protest : आगे का रास्ता:
- किसानों और सरकार के बीच बातचीत: एमएसपी और अन्य मुद्दों पर किसानों और सरकार के बीच बातचीत जारी है।
- समाधान ढूंढना: दोनों पक्षों को एक स्थायी समाधान ढूंढने की आवश्यकता है जो किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए देश के खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करे।
यह एक जटिल मुद्दा है और इसका कोई आसान समाधान नहीं है। दोनों पक्षों को एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने और एक ऐसा समाधान ढूंढने की आवश्यकता है जो सभी के लिए फायदेमंद हो।
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