1 फरवरी, 2024 को पेश किया गया केंद्रीय Budget 2024 एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश किए गए इस अंतरिम बजट से आगामी आर्थिक दिशा और सरकार की प्राथमिकताओं को समझने में मदद मिलती है। हालांकि, यह पूर्ण बजट नहीं है, फिर भी इसके दायरे और आवंटन इस बात की झलक देते हैं कि आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था किस ओर जा सकती है।
Budget 2024 की प्रमुख घोषणाएं:
- वित्तीय स्थिरता पर जोर: इस बजट में वित्तीय घाटे को कम करने और राजकोषीय जिम्मेदारी बनाए रखने पर जोर दिया गया है। सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9% तक सीमित करना है। आर्थिक अनिश्चितता के दौर में यह कदम आश्वस्त करने वाला है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में निवेश कम होने की चिंता भी जताई जा रही है।
- बुनियादी ढांचे पर बड़े निवेश: सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया है। रेलवे, सड़क और डिजिटल बुनियादी ढांचे पर अगले दो वर्षों में बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा की गई है। इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
- किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान: बजट में किसान कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना का दायरा बढ़ाया गया है और कृषि क्षेत्र में ऋण सुविधाओं में सुधार किया गया है। ग्रामीण विकास के लिए भी कई योजनाओं की घोषणा की गई है।
- हरित विकास को बढ़ावा: बजट में हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा पर सब्सिडी देने की घोषणा की गई है। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ऊर्जा सुरक्षा को भी बल मिलेगा।
- सामाजिक कल्याण योजनाओं का विस्तार: सरकार ने सामाजिक कल्याण योजनाओं के दायरे को बढ़ाने की घोषणा की है। आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा कवरेज बढ़ाया गया है और शिक्षा क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
Budget 2024 : ताकतें और कमजोरियां
जैसा कि हमने देखा, Budget 2024 कई सकारात्मक पहलुओं से युक्त है। वित्तीय स्थिरता पर जोर देने से देश की आर्थिक मजबूती आएगी, बुनियादी ढांचे पर बड़े निवेश से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, सामाजिक कल्याण योजनाओं के विस्तार से समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा और हरित पहलों को प्राथमिकता देकर पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा। हालांकि, हर सिक्के के दो पहलू होते हैं और इस बजट में भी कुछ कमजोरियां मौजूद हैं।
- मध्यम वर्ग की उपेक्षा? मध्यम वर्ग को कर में राहत न मिलना कुछ लोगों के लिए निराशाजनक हो सकता है। बढ़ती महंगाई के दौर में कर में राहत मिलने से उनकी क्रय शक्ति बढ़ती और अर्थव्यवस्था को भी गति मिलती।
- रोजगार सृजन पर पर्याप्त फोकस नहीं? कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बजट में रोजगार सृजन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है। जबकि बुनियादी ढांचे पर निवेश से रोजगार के अवसर पैदा होंगे, लेकिन यह पर्याप्त नहीं हो सकता है। विशेष रूप से युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
- सामाजिक कल्याण योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन: सामाजिक कल्याण योजनाओं के दायरे को बढ़ाना सराहनीय है, लेकिन इनका प्रभावी कार्यान्वयन भी महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना होगा कि पात्र लाभार्थियों तक वास्तव में लाभ पहुंचे और योजनाओं का दुरुपयोग न हो।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना: बजट में सार्वजनिक क्षेत्र पर अधिक जोर दिया गया है, लेकिन निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना भी आवश्यक है। निजी क्षेत्र न केवल निवेश ला सकता है बल्कि रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
भविष्य के संकेत: बजट 2024 क्या दर्शाता है?
बजट 2024 आगामी महीनों और वर्षों में भारत की आर्थिक दिशा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण संकेत देता है।
- वित्तीय स्थिरता और समावेशी विकास पर जोर: यह स्पष्ट है कि सरकार वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने और साथ ही समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है।
- बुनियादी ढांचे पर निरंतर निवेश: बुनियादी ढांचे के विकास पर निरंतर निवेश आने वाले वर्षों में भी प्राथमिकता रहेगा।
- हरित विकास को प्राथमिकता: हरित विकास को बढ़ावा देना सरकार की एक प्रमुख प्राथमिकता है और इस पर आने वाले समय में और अधिक ध्यान दिया जाएगा।
- सामाजिक कल्याण पर निरंतर ध्यान: सामाजिक कल्याण योजनाओं का दायरा बढ़ाना और उनका प्रभावी कार्यान्वयन सरकार के एजेंडे में बना रहेगा।
Finance Minister @nsitharaman Ji is presenting the Interim Budget in Parliament. https://t.co/j9A9ridX66
— Narendra Modi (@narendramodi) February 1, 2024
आम आदमी के लिए राहत:
- महिला करदाताओं के लिए अतिरिक्त छूट 1 लाख रुपये
- किसानों के लिए सम्मान निधि योजना जारी रखना
- उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देना जारी रखना
- आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा जारी रखना
अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना:
- बुनियादी ढाँचे के विकास पर जोर देना, जैसे सड़कें, रेलवे, और डिजिटल infrastructure
- स्टार्टअप्स और उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएँ
- विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत उपाय
- निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रियायतें देना
हरित विकास पर ध्यान:
- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में निवेश बढ़ाना
- इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना
- प्रदूषण कम करने के लिए उपाय करना
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:
- शिक्षा और कौशल विकास पर जोर देना
- रक्षा क्षेत्र के लिए बजट आवंटन बढ़ाना
- सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मजबूत करना
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