Mahatma Gandhi Death Anniversary : प्रार्थना सभा में जाते वक्त महात्मा गांधी को गोलियां मार दी गई थीं

Kishan
By Kishan
Mahatma Gandhi Death Anniversary

Mahatma Gandhi Death Anniversary : आज 30 जनवरी को देश महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि मना रहा है. इसी दिन 1948 में दिल्ली के बिड़ला भवन में प्रार्थना सभा के लिए जाते वक्त उन्हें राष्ट्रवादी हिंदू महासभा के सदस्य नाथूराम गोडसे ने गोलियों से भून दिया था. गांधीजी का 78 साल की उम्र में निधन हो गया था. आज के दिन को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इस लेख में हम महात्मा गांधी के जीवन, उनके संघर्षों और उनके महान योगदान के बारे में जानेंगे. हम इस बात पर भी विचार करेंगे कि उनकी हत्या भारत के इतिहास में कैसे एक महत्वपूर्ण मोड़ बनी.

जिस दिन गूंज उठीं थीं गोलियां, शांत हो गया था महात्मा का सफर… आज Mahatma Gandhi Death Anniversary

Gandhi Smriti, formerly known as Birla House or Birla Bhavan
Gandhi Smriti, formerly known as Birla House or Birla Bhavan

Mahatma Gandhi का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और अहिंसा के सिद्धांत के साथ हमेशा जुड़ा रहेगा. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसक आंदोलन चलाकर भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके अहिंसक सत्याग्रह ने दुनियाभर के स्वतंत्रता आंदोलनों को भी प्रेरित किया.

जन्म और प्रारंभिक जीवन

Mahatma Gandhi का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. वकालत की पढ़ाई के लिए वह दक्षिण अफ्रीका गए थे. वहां रंगभेद के खिलाफ उन्होंने अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन चलाया.

भारत वापसी और स्वतंत्रता संग्राम

1915 में गांधीजी भारत लौटे और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हो गए. उन्होंने असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई बड़े आंदोलनों का नेतृत्व किया. इन आंदोलनों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया.

अहिंसा का सिद्धांत

गांधीजी का मानना था कि सत्य और अहिंसा ही स्वतंत्रता प्राप्त करने का सही रास्ता है. उन्होंने सत्याग्रह का रास्ता अपनाया, जिसमें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन, असहयोग और सविनय अवज्ञा शामिल थी. उन्होंने कभी भी हिंसा का सहारा नहीं लिया और अपने आंदोलनों में लोगों को भी अहिंसा पर जोर दिया.

SALT SATYAGRAHA
SALT SATYAGRAHA

Mahatma Gandhi Death Anniversary : हत्या और शोक

30 जनवरी, 1948 को दिल्ली के बिड़ला भवन में प्रार्थना सभा के लिए जाते वक्त नाथूराम गोडसे ने उन्हें गोलियों से मार डाला. उनकी हत्या से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. आज भी उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है और उनके अहिंसा के सिद्धांत को याद किया जाता है.

महात्मा गांधी के अनमोल विचार

गांधीजी के अनमोल विचार उनकी विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. उनके कुछ प्रसिद्ध विचार इस प्रकार हैं:

“आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देगी.”
“सत्य को खोजने की प्रक्रिया ही ईश्वर है.”
“पहले वे आपकी अनदेखी करेंगे, फिर हंसेंगे, फिर लड़ेंगे, फिर आप जीतेंगे.”
“अगर मैं हिंसा का रास्ता चुनता हूं, तो मैं यीशु और मुहम्मद के रास्ते नहीं चलूंगा.”

महात्मा गांधी के अनमोल विचार

Mahatma Gandhi एक महापुरुष थे, जिन्होंने अपनी अहिंसा और सत्य पर जोर देने वाली विचारधारा से भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी हत्या भले ही हो गई, लेकिन उनके विचार और उनकी विरासत आज भी प्रासंगिक है. हमें उनके आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए और एक अहिंसक और न्यायपूर्ण समाज बनाने का प्रयास करना चाहिए.

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