Ganesh Chaturthi: अनंत अंबानी ने लालबागचा राजा को 20 किलो सोने का मुकुट अर्पित, कीमत करोड़ों में

Ishaanika Reddy
Ganesh Chaturthi 2024

मुंबई में Ganesh Chaturthi के भव्य उत्सव के दौरान लालबागचा राजा हमेशा ही खास आकर्षण का केंद्र रहता है। इस साल भी लालबागचा राजा की स्थापना की गई है, और चर्चा का मुख्य विषय है उनके सिर पर सजा विशेष मुकुट।

मुंबई में Ganesh Chaturthi बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। हर साल की तरह इस साल भी लालबागचा राजा को भव्य तरीके से स्थापित किया गया है। दूर-दूर से भक्त बप्पा के दर्शन करने आते हैं। बॉलीवुड सितारे भी बप्पा की एक झलक पाने के लिए पंडाल में पहुंचते हैं। इस साल गणपति की मूर्ति स्थापना का 91वां वर्ष है।

शनिवार की सुबह 4 बजे प्राण प्रतिष्ठा की गई और 6 बजे से आम लोगों के लिए दर्शन शुरू हो गए हैं। इस साल गणपति की मूर्ति को सोने के आभूषण और एक विशेष मुकुट से सजाया गया है। बप्पा को सिंहासन पर बिठाकर मरून वेलवेट के वस्त्र पहनाए गए हैं। लेकिन इस साल सभी का ध्यान खींचने वाली चीज़ है बप्पा का मुकुट। अब जानते हैं, इस मुकुट की खासियत और इसे किसने अर्पित किया है।

Ganesh Chaturthi : अनंत अंबानी ने अर्पित किया है खास मुकुट

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Ganesh Chaturthi : Anant Ambani Donates 20-Kg Gold

लालबागचा राजा के सिर पर सजा 20 किलो का सोने का मुकुट सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है। इसकी कीमत लगभग 16 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। यह मुकुट अंबानी परिवार के छोटे बेटे अनंत अंबानी ने अर्पित किया है। इस मुकुट को तैयार करने में दो महीने का समय लगा और इसे बड़ी सावधानी से बनाया गया है। अनंत अंबानी द्वारा दिया गया यह मुकुट, लालबागचा राजा समिति और उनके परिवार के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों का प्रतीक है।

मेडिकल मशीनें भी कराईं उपलब्ध

Ganesh Chaturthi: इस साल विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों का ध्यान रखा गया है। पंडाल में मेडिकल सेंटर और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। बड़ी संख्या में लोग बप्पा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और खूब चढ़ावा चढ़ाते हैं, जिसका उपयोग सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता है। मुकेश अंबानी का परिवार कई सालों से समिति से जुड़ा हुआ है। इस साल अनंत अंबानी ने सिर्फ मुकुट ही नहीं, बल्कि अन्य सहयोग भी दिया है। उन्होंने मंडल को कई मेडिकल मशीनें भी उपलब्ध कराई हैं। लालबाग ट्रस्ट ने अनंत अंबानी को सलाहकार समिति का प्रमुख सदस्य बनाने का निर्णय लिया है।

अनंत अंबानी ने घर पर भी किया बप्पा का स्वागत

अनंत अंबानी को, अंबानी परिवार की तरह ही, धार्मिक आयोजनों में विशेष रुचि है। वे हर त्योहार को भव्य रूप से मनाते हैं। बीती शाम, उन्होंने अपने घर एंटीलिया में भी गणपति बप्पा का भव्य स्वागत किया। एंटीलिया में बप्पा की मूर्ति स्थापित की गई, जहां पूरा अंबानी परिवार बप्पा के स्वागत में जुटा दिखा। अनंत अंबानी के साथ उनकी मंगेतर राधिका मर्चेंट भी बप्पा के दर्शन के समय साथ खड़ी नजर आईं।

लालबागचा राजा के इतिहास की एक झलक

लालबागचा राजा का पंडाल मुंबई में गणेश चतुर्थी के सबसे प्रमुख पंडालों में से एक है। इसकी स्थापना 1934 में मछली व्यापारियों और श्रमिकों ने की थी, जब लालबाग के बाजार क्षेत्र में उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। यह स्थान तब से लेकर आज तक एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बना हुआ है। लालबागचा राजा को “मन्नतों का राजा” भी कहा जाता है क्योंकि भक्तों का मानना है कि यहां मांगी गई मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

अनंत अंबानी का धार्मिक योगदान

अनंत अंबानी अपने परिवार के धार्मिक और सामाजिक योगदान को आगे बढ़ाते हुए लालबागचा राजा के पंडाल में विशेष मुकुट अर्पित करने के साथ-साथ कई अन्य धर्मार्थ कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अंबानी परिवार वर्षों से मुंबई के धार्मिक आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता आया है। अनंत अंबानी ने न केवल इस साल मुकुट अर्पित किया, बल्कि मेडिकल सेवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण उपकरण भी उपलब्ध कराए हैं, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा में सुधार हुआ है।

गणपति के प्रति अंबानी परिवार की श्रद्धा

अंबानी परिवार का गणपति उत्सव के प्रति प्रेम और श्रद्धा सदियों से चला आ रहा है। हर साल, एंटीलिया में गणेश चतुर्थी को भव्य तरीके से मनाया जाता है। परिवार का हर सदस्य इस अवसर पर एकत्र होता है और विशेष पूजा-अर्चना करता है। अनंत अंबानी भी अपनी माता नीता अंबानी और पिता मुकेश अंबानी की तरह इस धार्मिक समर्पण को आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी धार्मिकता और धार्मिक आयोजनों में भागीदारी एक उदाहरण है कि कैसे वह अपने परिवार की परंपराओं को आगे बढ़ा रहे हैं।

लालबागचा राजा के दर्शन का महत्व

लालबागचा राजा के दर्शन केवल एक धार्मिक अनुभव नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा मानी जाती है। गणपति की यह मूर्ति विशेष रूप से इस कारण प्रसिद्ध है कि यहां भक्तों की प्रार्थनाएं सुनी जाती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हर साल लाखों लोग इस पंडाल में आकर बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लालबागचा राजा के इस ऐतिहासिक सफर ने इसे एक अद्वितीय सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित किया है।

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